जब आप किसी काम में जबरदस्ती मन लगाते हो, तो वह काम कभी अच्छा नहीं होता | Speech2k5.blogspot.com

हम अक्सर किसी काम को जबरदस्ती करने की कोशिश करते हैं, और ऐसा लगता है कि जैसे ये काम जल्दी खत्म हो जाए, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब आप किसी काम को जबरदस्ती करते हैं, तो वह काम कभी सही तरीके से नहीं होता? वह काम पूरा हो सकता है, लेकिन वह उतना अच्छा नहीं होगा जितना उसे होना चाहिए। आज हम इसे समझने की कोशिश करते हैं।


एक क्लास का उदाहरण

मान लीजिए, एक क्लास में एक ही टीचर एक ही किताब को सब बच्चों को पढ़ाती है। सभी बच्चों को वही पाठ पढ़ाया जाता है, लेकिन हर एक बच्चा उसे अलग-अलग तरीके से समझता है। एक बच्चा जल्दी समझ लेता है, तो कोई बच्चा उसे बार-बार पढ़ने के बावजूद भी नहीं समझ पाता। यही स्थिति हमारी ज़िंदगी में भी होती है। हमारे आस-पास के लोग, चाहे वो हमारे घर में हों या हमारे गांव में, सब एक जैसे हालात में रहते हैं, फिर भी सबका सोचने का तरीका अलग-अलग होता है।

जब आप जबरदस्ती काम करते हो

अब समझिए, अगर आप किसी काम को जबरदस्ती करने की कोशिश करते हैं, तो आप उस काम को तो पूरा कर लेंगे, लेकिन वह कभी परफेक्ट नहीं होगा। जैसे, आप खुद को मोटिवेट करने के लिए मोटिवेशनल वीडियो देखते हो, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्या एक वीडियो आपकी जिंदगी बदल सकती है? जवाब है नहीं। वीडियो आपको दिशा तो दे सकती है, लेकिन आपको अपनी मेहनत खुद करनी होगी।

अक्सर हम सोचते हैं कि कल एक बेहतर दिन होगा, फिर हम किसी काम की शुरुआत करेंगे। हम वीडियो देख कर खुद को मोटिवेट करते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि यह एक भ्रम है। जब तक आप खुद को प्रेरित नहीं करेंगे, तब तक यह चीज़ें सिर्फ आपको थोड़ी देर के लिए पुश करेंगी। असल में, आपको काम शुरू करना और उसे खत्म करना अपनी ज़िम्मेदारी है।

ध्यान की कमी और टालमटोल

एक और दिलचस्प बात है कि हम वीडियो देखते हैं, लेकिन जब हमें कोई लम्बा काम करना होता है, तो हमारी अटेंशन स्पैन कम हो जाती है। एक मिनट का वीडियो तो हमें दिलचस्प लगता है, लेकिन एक घंटे की क्लास हमें बोरिंग लगने लगती है। यह आपके ध्यान और सोचने की क्षमता को दिखाता है।

जो लोग मेहनत करते हैं, वे किसी भी काम को जल्दी खत्म करके अगले काम पर लग जाते हैं। वहीं, जो लोग आलसी होते हैं, वे छोटे से छोटे काम को भी टालते रहते हैं और अंत में उनके हाथ असफलता ही आती है। यह एक उदाहरण है कि अगर आप काम को जल्दी और सही तरीके से करना चाहते हैं, तो आपको अपनी प्रोडक्टिविटी पर ध्यान देना होगा।

सफलता का फर्क

सफल लोग हमेशा प्रोडक्टिव होते हैं। वे किसी भी काम में रुचि रखते हैं और किसी काम को जल्दी सीखने में माहिर होते हैं। उनका मस्तिष्क तेज़ चलता है, और वे किसी काम को जल्दी से जल्दी निपटाने में माहिर होते हैं। दूसरी ओर, जो लोग आलसी होते हैं, उनका दिमाग धीमा चलता है और वे हर काम को टालते रहते हैं। यही फर्क होता है जो अंततः सफलता और असफलता के बीच में दिखता है।

वक्त का सही इस्तेमाल

जब आप सो रहे होते हैं, तब कोई और पढ़ रहा होता है। जब आप किसी काम में व्यस्त होते हैं, तो कोई और अपने सपनों को पूरा करने में जुटा होता है। दुनिया हमेशा चल रही होती है, और हर कोई किसी न किसी काम में व्यस्त होता है। अगर आप खाली होते हैं, तो आपका दिमाग किस दिशा में जाता है? क्या आप अपने भविष्य के बारे में सोचते हैं, या फिर आप वक्त बर्बाद करते हैं? यह आपके माइंडसेट को दर्शाता है।

प्रोडक्टिव बनें और कुछ नया सीखें

आपको अपनी सोच बदलनी होगी। प्रोडक्टिव बनें, हमेशा क्यूरेयस रहें, और किसी भी काम को जल्दी से सीखने की आदत डालें। कभी भी खाली मत बैठिए, हर वक्त कुछ न कुछ नया सीखने की कोशिश करें। दुनिया में बहुत कुछ सिखने के लिए है, बस आपको सही दिशा में कदम बढ़ाने की जरूरत है।

निष्कर्ष

तो, अगली बार जब आप किसी काम को करने के लिए जबरदस्ती मन लगाएं, तो समझिए कि काम को अगर सही से करना है, तो आपको उसे सही तरीके से करना होगा, बिना टालमटोल और बिना किसी बाहाने के। खुद को मोटिवेट करना है तो, बाहरी वीडियो और अन्य चीजों के बजाय खुद से ही प्रेरित हो जाइए। याद रखिए, आपका काम ही आपकी असली प्रेरणा है।

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